WELCOME TO SHREE RAM JANKI DHAM

About Us

हमारी संस्था के प्रबंधक एवं अन्य सदस्यों की जन्मभूमि अयोध्या धाम है | जन्म से ही संस्था के ज्यादातर सदस्य अयोध्या धाम के विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में सेवा भाव से सम्मिलित होते रहे हैं एवं सभी सदस्य प्रख्यात व्यवसायी , राजनैतिक , पेशेवर सामाजिक क्षेत्रों से है एवं सभी आर्थिक रूप से सम्पन्न हैं | मंदिर निर्माण का मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णय आने से पहले संस्था के सभी सदस्यों ने आयोध्या धाम में धार्मिक कार्यों , साधु संतों आदि की सेवा हेतु समाज सेवा के उद्देश्य से वर्ष 2018 में अपनी संस्था श्री राम जानकी धाम अयोध्या के उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन पंजीकरण कराया गया , जिससे संस्था के कार्यों में पूर्ण पारदर्शिता के साथ आय व्यय आदि का लेखांकन किया जा सके | हमारी संस्था का उद्देश्य अयोध्या धाम में निवास कर रहे बुजुर्ग साधु संतों की चिकित्सा सेवा , वस्त्र सेवा , अन्न सेवा , गौ सेवा , निः शुल्क भोजन प्रसाद वितरण , तीर्थ यात्रियों को निः शुल्क दर्शन पूजन की व्यवस्था एवं ठहरने के लिए आवश्यक सलाह जिससे अयोध्या धाम के सम्पूर्ण तीर्थ क्षेत्रों में
परिवार के साथ सुगम दर्शन पूजन में सहयोगी बन सकें , संस्था के सदस्यों तथा उनके परिवारजनों व इष्ट मित्रों को तीर्थ क्षेत्र में दर्शन पूजन हेतु आगमन पर पारिवारिक माहोल प्रदान हो सके | संस्था आयकर विभाग द्वारा आयकर से छूट के लिए भी पंजीक्रत है जिससे संस्था को प्राप्त समस्त प्रकार के दान का प्रति वर्ष ऑडिट कराया जाता हैं , इसलिए आय व्यय में सम्पूर्ण पारदर्शिता बनी रहती है | हमारी संस्था द्वारा अयोध्या धाम में आयोजित होने वाले प्रत्येक धार्मिक उत्सवों एवं मेलों में दर्शनार्थियों हेतु चिकित्सा – कैंप , भोजन – प्रसाद वितरण , ठहरने हेतु व्यवस्था आदि सुविधाएं निरंतर रूप से प्रदान की जा रही हैं |
अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक अति प्राचीन धार्मिक नगर है। यह अयोध्या जिला के अन्तर्गत आता है। यह पवित्र सरयू नदी के दाएं तट पर बसा है। इसे ‘कौशल देश’ भी कहा जाता था। अयोध्या हिन्दुओं का प्राचीन और पवित्र तीर्थस्थलों में एक है। यह सप्त पुरियों में से एक है-


और इसकी संपन्नता की तुलना स्वर्ग से की गई है। रामायण के अनुसार अयोध्या की स्थापना मनु ने की थी। यह पुरी सरयू के तट पर बारह योजन (लगभग १४४ कि.मी) लम्बाई और तीन योजन (लगभग ३६ कि.मी.) चौड़ाई में बसी थी। कई शताब्दी तक यह नगर सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी रहा। अयोध्या मूल रूप से मंदिरों का शहर है। यहां आज भी हिन्दू, बौद्ध, इस्लाम एवं जैन धर्म से जुड़े अवशेष देखे जा सकते हैं। जैन मत के अनुसार यहां आदिनाथ सहित पांच तीर्थंकरों का जन्म हुआ था।
इसका महत्व इसके प्राचीन इतिहास में निहित है क्योंकि भारत के प्रसिद्ध एवं प्रतापी क्षत्रियों (सूर्यवंशी) की राजधानी यही नगर रहा है। उक्त क्षत्रियों में दाशरथी रामचन्द्र अवतार के रूप में पूजे जाते हैं। पहले यह कोसल जनपद की राजधानी था। प्राचीन उल्लेखों के अनुसार तब इसका क्षेत्रफल 96 वर्ग मील था। यहाँ पर सातवीं शाताब्दी में चीनी यात्री हेनत्सांग आया था। उसके अनुसार यहाँ 20 बौद्ध मंदिर थे तथा 3000 भिक्षु रहते थे।

राम जानकी ट्रस्ट एक परोपकारी संगठन है जो भगवान राम और माता सीता के मूल्यों से प्रेरित विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक और शैक्षिक पहलों का समर्थन करता है। इसका उद्देश्य righteousness (धर्म), compassion (दया), और समुदाय सेवा के आदर्शों को बढ़ावा देना है। ट्रस्ट शैक्षिक कार्यक्रमों को वित्तपोषित करने, स्वास्थ्य सेवाओं का समर्थन करने, और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने जैसे कार्यों में संलग्न है। अपने कई परियोजनाओं और साझेदारियों के माध्यम से, राम जानकी ट्रस्ट हाशिए पर रहने वाले समुदायों की मदद, सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने, और व्यक्तिगत और सामुदायिक विकास के लिए संसाधन प्रदान करने की कोशिश करता है। इसके प्रयास भगवान रामायण द्वारा प्रदर्शित अमूल्य सिद्धांतों को बनाए रखते हुए जीवन की गुणवत्ता को सुधारने के प्रति एक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।